घात मे बैठे दुर्योधन कितने चीरहरण के दांव मे घात मे बैठे दुर्योधन कितने चीरहरण के दांव मे
धर्मी सोचता अब अपने संगत आया है अधर्मी अबकी अंगद पांव लाया है। धर्मी सोचता अब अपने संगत आया है अधर्मी अबकी अंगद पांव लाया है।
माँ आँतों में छाले पाले जाने कैसे जीती रही बरसों हथेली में उगाती रही सरसों हम रहे आये अनभिज्ञ उसकी ख... माँ आँतों में छाले पाले जाने कैसे जीती रही बरसों हथेली में उगाती रही सरसों हम रह...
जीवन को कर साकार तू बदल दे अपनी तकदीरें मत सोच तू अब दुनिया की तोड़ दे सारी जंजीरें जीवन को कर साकार तू बदल दे अपनी तकदीरें मत सोच तू अब दुनिया की तोड़ दे सारी ज...
दुर्घटना बस एक घटना है देकर साक्ष किसे कटना है। दुर्घटना बस एक घटना है देकर साक्ष किसे कटना है।
अपनी खैरियत बता कर घर वालों का जानना जरूरी है। अपनी खैरियत बता कर घर वालों का जानना जरूरी है।